WTC Final 2023: आईसीसी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल 2023 के लिए ड्यूक बॉल्स के साथ ही बनी रहेगी। पिछली अंग्रेजी गर्मियों में, ड्यूक्स बॉल के जल्दी सॉफ्ट होने की शिकायत की गई थी।
काउंटी चैंपियनशिप के गेंदबाजों ने भी शिकायत की है कि ड्यूक्स की बॉल सामान्य से अधिक सॉफ्ट हो जाती है और जल्दी ही खराब हो जाती हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के द ओवल में 7 जून से 11 जून के बीच खेला जाएगा।
जिसमें 12 जून को रिजर्व डे के रूप में रखा जाएगा। ओवल का मैदान ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ही टीमों के लिए न्यूट्रल वेन्यू होगा। इसके अलावा दोनों ही टीमें अपने देश में ड्यूक्स की बॉल का इस्तेमाल नहीं करती हैं। घरेलू मैचों के लिए भारत एसजी टेस्ट गेंदों का उपयोग करता है, जबकि ऑस्ट्रेलिया कूकाबुरा गेंद का उपयोग करता है।
आईसीसी द्वारा उपयोग की जाने वाली गेंद को आयोजन के लिए “मेजबान देश” द्वारा निर्धारित किया जाता है। इंग्लैंड ड्यूक्स गेंद को अपने देश में प्राथमिकता देता है। इसलिए डब्ल्यूटीसी फाइनल ड्यूक्स की गेंद से ही खेला जाएगा। यहां तक कि पिछले साल इंग्लैंड में भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी ड्यूक्स गेंद के साथ ही खेला गया था।
ड्यूक्स की गेंद के साथ क्या है समस्या?
पिछली गर्मियों में काउंटी चैम्पियनशिप के गेंदबाजों ने शिकायत की थी कि गेंदें सामान्य से अधिक नरम होती हैं और जल्दी ही खराब हो जाती हैं। डरहम और ग्लैमरगन के बीच मैच में ड्यूक्स की गेंद को 7 बार बदला गया। ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड के मालिक और ड्यूक्स के निर्माता, दिलीप जाजोदिया ने दावा किया था कि उन्हें नहीं पता था कि शुरुआती गर्मियों में गेंदें अलग तरह से क्यों काम करती हैं।
जाजोदिया इंग्लैंड में पेशेवर खेल के लिए 4,000 से 5,000 गेंदें बेचते हैं। इंग्लैंड के सबसे सफल तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन ड्यूक्स बाल को उनकी मजबूत सीम के कारण पसंद करते हैं। ऑस्ट्रेलिया मशीन से बनी कूकाबूरा गेंद का उपयोग करता है, जो काफी तेजी से नरम हो जाती है।
ड्यूक हाथ से सिला हुआ गेंद है और जैविक सामग्री से बना है। लेकिन पिछले कुछ समय से ड्यूक्स का गेंद भी जल्दी नरम हो रहा है। लेकिन बावजूद इसके आईसीसी ने फैसला किया है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल ड्यूक्स की गेंद से ही खेला जाएगा।